Aadhar-Pan link Online Process: आप को आधार कार्ड को पॅन कार्ड से लिंक कैसे कराए। क्या आप इसकी प्रक्रिया जानते हैं? अगर नहीं, तो आज हम आपको इसके बारे में जानकारी देंगे। अगर आपका पैन कार्ड आधार से लिंक नहीं है और निष्क्रिय हो गया है, तो आप अपना आयकर रिटर्न दाखिल नहीं कर पाएंगे। अगर आपने किसी तरह रिटर्न भर भी दिया है, तो सिस्टम उसे अस्वीकार कर देगा।

Aadhar-Pan link Online Process: अगर आप अपना आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने जा रहे हैं, तो इस जानकारी को ध्यान से पढ़ें। क्योंकि, आपके पैन-आधार कार्ड को लिंक करना ज़रूरी है। क्योंकि, अगर आप अपना आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल भी कर देते हैं, तो उसके खारिज होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। आइए, अब आधार-पैन कार्ड लिंक करने की ऑनलाइन प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानते हैं।
अगर आपने अभी तक अपना पैन कार्ड और आधार कार्ड लिंक नहीं किया है, तो यह खबर आपके लिए ज़रूरी है। पैन-आधार लिंक न होने से न सिर्फ़ आपका इनकम टैक्स रिटर्न अटक सकता है, बल्कि आपका बैंक खाता भी फ्रीज हो सकता है और निवेश पर भी रोक लग सकती है। आइए जानें कि पैन और आधार को लिंक करना क्यों ज़रूरी है और ऐसा न करने पर क्या-क्या परेशानियाँ आ सकती हैं।
पैन-आधार को लिंक करना क्यों आवश्यक है?
आयकर विभाग ने पैन और आधार को लिंक करना अनिवार्य कर दिया है ताकि एक समान पहचान सत्यापन प्रणाली बनाई जा सके। जुलाई 2025 से, आधार से लिंक न होने वाला पैन कार्ड अमान्य माना जाएगा। इसका मतलब सिर्फ़ आईटीआर दाखिल करने के लिए ही नहीं, बल्कि बैंक खाता खोलने, म्यूचुअल फंड खरीदने, शेयरों में निवेश करने और बड़े नकद लेनदेन जैसे हर ज़रूरी काम के लिए है।
आईटीआर दाखिल करने में बाधाएं
अगर आपका पैन आधार से लिंक नहीं है और निष्क्रिय है, तो आप अपना आयकर रिटर्न दाखिल नहीं कर पाएंगे। अगर आपने किसी तरह रिटर्न दाखिल कर भी दिया है, तो सिस्टम उसे अस्वीकार कर देगा। और अगर आप लिंकिंग की समय सीमा से पहले रिटर्न दाखिल भी कर देते हैं, तो भी उसकी प्रक्रिया नहीं होगी। साथ ही, जब तक आपका पैन दोबारा सक्रिय नहीं हो जाता, आपको टैक्स रिफंड नहीं मिलेगा।
इसका असर बैंकिंग पर भी दिखेगा।
इसका सीधा असर आपके बैंक खाते पर भी पड़ सकता है। अगर आपका पैन सक्रिय नहीं है, तो आपका बैंक खाता होल्ड पर रखा जा सकता है। खासकर उन खातों में जिनमें ज़्यादा लेन-देन होते हैं। अगर आपका पैन निष्क्रिय है, तो नया खाता खोलना या अपना केवाईसी अपडेट करना भी मुश्किल हो सकता है। सावधि जमा पर मिलने वाले ब्याज पर ज़्यादा टीडीएस काटा जा सकता है, जिससे आपका रिटर्न कम हो सकता है और कर अनुपालन में बाधा आ सकती है।
निवेश में विराम लगेगा।
सक्रिय पैन के बिना, शेयर या म्यूचुअल फंड यूनिट खरीदना या बेचना संभव नहीं है। आरटीए, म्यूचुअल फंड हाउस और ब्रोकर सभी पैन का सत्यापन करते हैं। अगर पैन लिंक नहीं है, तो आपका निवेश खाता फ्रीज हो जाएगा। आप न तो भुना पाएँगे और न ही नया निवेश कर पाएँगे। एसआईपी और लाभांश जैसी सुविधाएँ भी बंद हो सकती हैं।
पैन-आधार को कैसे लिंक करें?
आप आयकर ई-फाइलिंग वेबसाइट पर पैन-आधार लिंकिंग स्टेटस चेक कर सकते हैं। अगर लिंक नहीं है, तो 1000 रुपये की लेट फीस देकर इसे अभी ऑनलाइन लिंक किया जा सकता है। प्रक्रिया पूरी होने के 2 दिनों के भीतर स्टेटस अपडेट हो जाता है। ध्यान रखें कि पैन और आधार में नाम, जन्मतिथि या लिंग जैसी जानकारी एक जैसी होनी चाहिए, वरना लिंक करने में दिक्कत आ सकती है।
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